अच्छी सेहत के लिये हम न जाने क्या नही करते फिर भी कई तरह की दिक्कते आती ही रहती है जिससे हमारी सेहत कुछ खास बन नही पाती,या हम सेहत के प्रति कुछ ऐसी साधारण सी लगने वाली बातों को नजरअंदाज करते है जो बिलकुल भी साधारण नही होती है। कुछ चीजे जो हमारे शौक, हमारे रूचि से या फिर हमारे हुनर से जुडी होती है,जिसे करना न करना सिर्फ हम ही पर निर्भर होता है।रोजमर्रा की जिन्दगी से थोडा समय निकालकर अगर हम उसे करे तो ये हमारे सेहत क लिये बेहद फायदेमंद तो होगा ही साथ ही जिन्दगी जीने का अन्दाज भी नया सा लगने लगेगा।आज हम बात करने जा रहे है कुछ फील गुड फैक्टर्स की जो बहुत ही सामान्य तो है पर जिन्दगी की भाग दौड़ में,मुश्किलो में हम उन्हें अपने से दूर करते चले जाते है और बीमारियों और खराब आदतों को अपने पास ले आते है।
अगर आपने भी अपने फील गुड फैक्टर को अपने
से दूर कर दिया है तो अभी से उन्हें अपने पास
लाने कोशिश करे अवश्य ही लाभदायी साबित होगा आपको इसका फर्क महसूस होने लगेगा तो
चलिए जानते है, फील गुड फैक्टर क्या है?और
5 ऐसे फैक्टर जो आपको सेहतमंद बनाए रखती है।
फील गुड फैक्टर क्या है
जब हम दिल से किसी चीज को करते है और
जिसे करने से हमे ख़ुशी महसूस होती है। जैसे हमे कोई शौक हो रूचि हो या दिलचस्पी
हो तो उसे हम पूरी ख़ुशी के साथ बिना किसी के इजाजत करते है तो वो चीज हमे अंदर से
ख़ुशी देती है यह हमारे हैप्पी हार्मोन्स
से जुड़ा है। 5 तरह के हार्मोन्स में से एक यह हैप्पी हार्मोन्स हमारे सेहत से जुड़ा
है जिसे ख़ुशी का एहसास करवाने भर से हम अच्छी सेहत प्राप्त सकते है।
निचे बताये गये फैक्टर्स जिसे करने से हमे अच्छा फिल होता है वोही है फील गुड फैक्टर।
# पहला,हँसना – मुस्कुराना
यूँ तो हॅंसना मुस्कुराना आम बाते लगती है लेकिन कभी कभी जिन्दगी ऐसे ऐसे अजीबो गरीब रास्ते से ले जाती है जिसके बारे में हम शायद ही कभी कल्पना कर पाते है इस वक्त हम अपने हालातो को सम्भालने में इतने व्यस्त हो जाते है के हँसना मुस्कुराना तक कम कर देते है। यही से शुरुवात होती है एक ख़राब सेहत की जो धीरे धीरे और भी गंभीर हो सकती है।इसिलए हसना मुस्कुराना बेहद जरूरी है।एक खुबसूरत लाइन्स याद आती है के आपकी हँसी से दुनिया बदलनी चाहिए न की दुनिया से आपकी हँसी।
आजकल टीवी पर भी हसने मुस्कुराने के लिये बहुत से प्रोग्राम आने लगे है ताकि हम और आप कुछ पल हँस सके।
यह एक दवा जेसे कम करता है साथ ही फिल गुड फैक्टर केतौर पर सबसे पहले काम करता है।
#दूसरा,नाचना – गाना
नाचना या नृत्य
करना एक बेहद अच्छी कला है और इसे आगे बढ़ावा देने क लिये बड़े प्लेटफार्म भी दिए जा
रहे है लेकिन हम अपने आम जिन्दगी में बात करे तो हमे जितना भी जो भी आता हो या शौक
क तौर पर करना पसंद करे तो इससे हमारी सेहत अछी बनी रहती है एक शोध के अनुसार
नाचना हमारे फिल गुड फैक्टर क तौर पर काम
करता है जो बहुत फायदेमंद है।
उसी तरह गाना गाना या गुनगुनाना भी
हमारे तनाव को कम करके मानसिक बीमारियों को दूर रखता है।जैसे गाना गुनगुनाने से हमे ख़ुशी मिलती है।कहा जाता है
गुनगुनाने की आदत स्किजोफ्रेनिया जैसी बीमारी को भी दूर करने में मदद करता है।
#तीसरा,घूमना–फिरना
घूमना फिरना लगभग सभी को
अच्छा लगता है,यह भी एक फील गुड फैक्टर है जो इन्सान को मन की ख़ुशी के साथ एक
अच्छी सेहत भी प्रदान करता है।इसमें नई नई जगहों पर जाना,नये नये लोगो से मिलना,कुदरत के और समीप होना,शुद्ध हवा,पानी,वातावरण इनसभी चीजो का अनुभव बहुत खास
होता है।साथ ही घुमने फिरने से हम रोजमर्रा की चिंता से अपने आपको कुछ समय क
लिये दूर कर देते है जिससे हमे दुबारा एक नई एनर्जी के लिये मौका मिलता है। क्योंकि जिन्दगी में ब्रेक तो बनता है। तो आपको भी ऐसा ब्रेक लेते रहना चाहिए जो
आपके सेहत क लिये फायदेमंद हो।
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#चौथा,खाना – पीना
जिन्दगी में
खाना- पीना जितना शौक़ीन होता जा रहा उससे पता चलता है के लोग खाने पिने कितना रूचि
रखने लगे है। सोशल मीडिया मानो खाने की रेसिपी से भरी पड़ी है आये दिन पकवानों की
वीडियो पोस्ट की जाती है। खैर लोगो के अपने अपने शौक है। हम जिस फिल गुड है फैक्टर की बात कर रहे है वो भी इसीसे जुडी है। विश्वव्यापी खाने पिने की इस आदत को अप एक अच्छे सेहत क तौर पर अपनाये तो आपको
सेहतमंद बनने से कोई नही रोक सकता बस जरूरत है एक अच्छे लाइफस्टाइल को अपनाने की
जिसमे आप चुनिन्दा चीजो को ही जगह दे जिससे आप फिट और तंदुरुस्त रहे।
#पाँचवा,ध्यान- योगा
पाँचवा और अंतिम फिल गुड फैक्टर है ध्यान [meditation] -योगा,जिसे पूरी दुनिया तो अपना चुकी है पर हम नही अपना पाते.वजह चाहे जो भी हो हमेशा कोशिश करना चाहिए के हम थोडा समय योगा और ध्यान करने में दे। सुबह का समय जिसे ब्रम्हकाल भी कहा जाता है आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है इस समय सैर करना,हल्का-फुल्का व्यायाम करना,प्राणायाम, योगासन इत्यादि करने मात्र से भी सेहत अछी बनी रहती हैकई लोग इसे बड़े शौक से करते और करवाते है उनके जीवन में इसकी कमी एक बड़ी कमी की तरह लगती है उनके लिये यह एक फिल गुड फैक्टर ही तो है जो उन्हें अंदर से खुशी के साथ सेहत भी देता है।
तो ये थे 5 बेहद जरूरी एवं चुनिन्दा फिल गुड
फैक्टर जिसे हम आप तक लाये ताकि लाइफ की बड़ी बड़ी मुस्किलो से समय बचाकर कुछ वक्त
हम अपने फिल गुड फैक्टर को भी दे सके और सेहतमंद रहकर फिर मुश्किलों का सामना कर
सके। क्योंकि सेहत से बढकर कुछ नही होता एक अच्छी सेहत से ही एक अच्छा जीवन बनाया
जा सकता है।
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